...एक अरसा मेरे सीने में ख़ंजर रखना. दूर रहो मर्ज़ ए इश्क़ से, समझाते हैं दुनिया के ठेकेदार, मेरी गु... ...एक अरसा मेरे सीने में ख़ंजर रखना. दूर रहो मर्ज़ ए इश्क़ से, समझाते हैं दुनिया...
राकेश सी अवस्थी की ताज़ा उर्दू ग़ज़ल जिसमे हल्क़े फुल्के अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल किया गया है राकेश सी अवस्थी की ताज़ा उर्दू ग़ज़ल जिसमे हल्क़े फुल्के अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल किया गया...
उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे? उसने कहा आप बड़ा सुंदर लिखते हो,मैं बोला क्या करे?
और "साहील" वो समझा की, मुझे अपनेदम हराया था। और "साहील" वो समझा की, मुझे अपनेदम हराया था।
एक ग़ज़ल...। एक ग़ज़ल...।